ख्वाइश
लो आज इन बाँहों की सारी तम्मनाए पूरी करने दो,
इन सरसराती हुई आवाजों की सारी ख्वाइशें करने दो ,
मिले है, इतने दिन बाद आज हम,
मिले है, इतने दिन बाद आज हम,
लो आज मुझे तुम्हारी सारी ख्वाइशें पूरी दो ॥
जितनी भी तुम्हारी चाहत है,
आज मुझे पूरी करने दो,
इन महकती हुई सासों को बाँहों में लिपटने दो ,
मिले है, इतने दिन बाद आज हम,
मिले है, इतने दिन बाद आज हम,
लो आज थोड़ी नादानियाँ भी करने दो ||
आज चाहे लोग देखे या आसमान,
आंधी आये या तूफान,
यह मोहब्बत की घडी नही रुकने वाली,
कितना भी छुपा ले, यह चेहरे से मुस्कराहट नही हटने वाली ||
जिस वक़्त तुम मेरे साथ होती हो,
हर समां महकता है,
इस चाँद के टुकड़े पर,
मेरा दिल बरसता है ||
अगर तुमको मुझसे कोई शिकायत है,
तो वह भी आज पूरी कर दो,
मिले है इतने दिन बाद आज हम ,
मिले है इतने दिन बाद आज हम ,
लो आज मुझे तेरी सारी ख्वाइशें पूरी करने दो ॥