आख़िर क्यू? Fiction & Poetry आख़िर क्यू? Vinay Singh 8 years ago आख़िर क्यू कई बार, बात जबां पे आके रुक जाती है, आख़िर क्यू कुछ कही – अनकही यादें, मन को इतना विचलित कर जाती है,... Read More