Mulakate
आज फिर उनसे मुलाकात हुई ,
इतने समय की दुरी के बाद ,
दिलो की कुछ गुफ्तगू हुई !
वह आई थी अपनी मलिकाए पोशाक में ,
अप्सरा सी लग रही थी
जब उन्होंने ने मुझे छुआ ,
गर्मी के मौसम में , ठंडी हवा सी सुकून दे रही थी ।
शयद यह इतने समय के बाद मुलाकात का ही असर था,
की वह अपने होठों में मोहब्बत संजो कर आई थी,
मेरा तो बस जी चाह रहा था,
उनकी बातों को गुनगुनाने का,
उस पल के हर लम्हे को,
अपने दिल के किसी कोने में संजोने का ।
मै तो बस उस वक़्त उनके चेहरे पर बिखरी उस प्यारी सी मुस्कराहट को निहारे जा रहा था,
अपने दिल के कोने -कोने में उनकी तस्वीरें इक्खत्ता किये जा रहा था ।
पर उन सब तस्वीरों में एक तस्वीर थी,
जिसमे उनके चेहरे पर नकली मुस्कान और आखों में बूंदो की बारिश थी !
वह तस्वीर उनके वापस जाने की थी
वह तस्वीर उनके वापस जाने की थी !
कहना चाहते था उनसे की कुछ और देर रुक जाओ,
पर उस वक़्त में अपनी दिल की आवाज,
न सुन पा रहा था ,न सुना पा रहा था ।
उनके जाने का दुःख,
न देख पा रहा था,न दिखा पा रहा था ।
याद करते है उन पलो को जो पल हमने तुम्हारे साथ बिताए थे ,
याद करते है उन पलो को जो पल हमने तुम्हारे साथ बिताए थे ,
जब आएंगे लौटकर वापस अपने शहर ,
तुम्हारे साथ मिल कर मोहब्बत का एक हसी पल बनाएंगे ।
लेंगे तुम्हे बाँहों में और थोड़ी मोहब्बत करंगे,
तुम्हारे साथ थोड़ी मस्ती थोड़ा बचपना करेंगे ।
जब आँखों में देखेंगे तुम्हारे तो अपना अक्ष ढूंढेंगे ,
और जान से भी ज्यादा तुम्हे चाह करेंगे ॥
— Anshul Singhal